Paropkar kya he परोपकार क्या है

             परोपकार क्या है  ।।।।।।।।।।।।                                                                                                                    
                                                                                                                                      मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । अतः समाज के प्रति उसके कुछ कर्तव्य भी होते हैं । सबसे बड़ा कर्तव्य है एक - दूसरे के सुख - दुख में शामिल होना एवं यथाशक्ति सहायता करना । एक चीनी कहावत है - पुष्प इकट्ठा करने वाले हाथ में कुछ सुगंध हमेशा रह जाती है । जो लोग दूसरों की जिंदगी रोशन करते हैं , उनकी जिंदगी खुद रोशन हो जाती है । हंस मुख , विनोदप्रिय , आशापूर्ण लोग प्रत्येक जगह अपना मार्ग बना ही लेते हैं । मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि खुशी का कोई निश्चित मापदंड नहीं होता । एक मां बच्चे को स्नान कराने पर खुश होती है । छोटे बच्चे मिट्टी के घर बनाकर , उन्हें ढहाकर और पानी में कागज की नाव चलाकर खुश होते हैं । इसी तरह विद्यार्थी परीक्षा में अव्वल आने पर उत्साहित हो सकते हैं । भूखे - प्यासे - बीमार की आहों को कम करना , अन्याय और शोषण से प्रताड़ित की सहायता करना , सर्दी से ठिठुरते व्यक्ति को कंबल ओढ़ाना या जीवन और मृत्यु से जूझ रहे व्यक्ति के लिए रक्तदान करना हो - ये जीवन के वे सुख हैं जो इंसान को भीतर तक खुशियों से सराबोर कर देते हैं । महापुरुषों ने हमें जीवन में खुश , नेक एवं नीतिवान होने का संदेश दिया है । उनका समूचा जीवन मानवजाति को बेहतर अवस्था में पहुंचाने की कोशिश में गुजरा । किसी की परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं । हर किसी ने मुश्किलों से जूझकर उन्हें अपने अनुकूल बनाया और जन - जन में खुशियां बांटी । ईसा ने अपने हत्यारों के लिए भी प्रभु से प्रार्थना की कि प्रभु इन्हें क्षमा करना , इन्हें नहीं पता कि ये क्या कर रहे हैं । ऐसा कर उन्होंने परोपकार का संदेश दिया । बुद्ध ने शिष्य आनंद को ' आधा गिलास पानी भरा है ' कहकर हर स्थिति में खुशी बटोरने का संदेश दिया । मोहम्मद साहब ने भेदभाव रहित मानव समाज का संदेश दिया । परोपकार को जीवन में स्थान दीजिए , जरूरी नहीं है कि इसमें धन ही खर्च हो । बस मन को उदार बनाइए । आपके आसपास अनेकों लोग रहते हैं । हर व्यक्ति दुख - सुख के चक्र में फंसा हुआ है । आप उनके दुख सख में सम्मिलित होइए । यथाशक्ति मदद कीजिए ।....

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