Jivan me ekagrata ka mahatva जीबन में एकाग्रता का महत्व
Importance of concentration in life
Jivan me ekagrata kyo jaruri hai.. जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने में एकाग्रता की बहुत महत्ता है । मन की एकाग्रता हमारी शक्ति की आधारशिला बनती है । यह जीवन की समस्त शक्तियों को समाहित कर मानसिक क्रांति उत्पन्न करती है । एकाग्र मन भटकाव के शिकार मस्तिष्क की तुलना में अवसरों का अधिक लाभ उठा पाता है । एकाग्रता एक तरह से हमारी शक्तियों को जागृत कर मुश्किलों को हटाकर हमारे लिए मार्ग तैयार करती है । एकाग्रता में वह ऊर्जा होती है कि यह आवेश को शांत कर देती है । जर्मन महाकवि गेटे ने कहा है कि ' जहां भी त है , पूरी तरह वहीं रह । ' यह एक महामंत्र है । जिसका आशय है कि एक समय में सिर्फ एक काम को करो । जो काम हाथ में है उसमें अपने समस्त व्यक्तित्व को केंद्रित करो । परिणाम क्या होगा ? यह मत सोचो । काम खत्म होने पर परिणाम चाहे कुछ भी हो , पश्चाताप मत करो । वास्तव में पूर्ण एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है । जो लोग चित्त को चारों ओर बिखेरकर काम करते है उन्हें इसकी क्षति बाद में पता चलती है । कार्नेगी कहते हैं कि नवयुवकों के व्यापार में असफल होने का एक बड़ा कारण यह है कि अपने मन को एकाग्र नहीं कर पाते । एकाग्रता और एकचित्तता से बड़े से बड़े काम पूरे किए जा सकते हैं । यदि हम चाहें तो अपने उद्देश्य को मन ही मन में बार - बार दोहराते हुए , लगातार उस मकसद की पूर्ति का संकल्प करते हुए अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रह सकते हैं और धीरे - धीरे उस मकसद के लिए कार्य करना हमारा स्वभाव बन सकता है । यदि आप विषम से विषम परिस्थिति में भी मन को लगातार एकाग्र करके रचनात्मक स्थिति बनाए रख सकते हैं और अपने आदर्श की ओर बढ़ने में निरंतर संघर्ष करते रह सकते हैं तो समझ लीजिए कि आपके जीवन का लक्ष्य बहुत पास है । स्वेट मार्डेन ने कहा है कि जबरदस्त एकाग्रता के बिना कोई भी इंसान सूझबूझ वाला , आविष्कारक , दार्शनिक , लेखक , मौलिक कवि या शोधकर्ता नहीं हो सकता ।
Jivan me ekagrata kyo jaruri hai.. जीवन को सफल एवं सार्थक बनाने में एकाग्रता की बहुत महत्ता है । मन की एकाग्रता हमारी शक्ति की आधारशिला बनती है । यह जीवन की समस्त शक्तियों को समाहित कर मानसिक क्रांति उत्पन्न करती है । एकाग्र मन भटकाव के शिकार मस्तिष्क की तुलना में अवसरों का अधिक लाभ उठा पाता है । एकाग्रता एक तरह से हमारी शक्तियों को जागृत कर मुश्किलों को हटाकर हमारे लिए मार्ग तैयार करती है । एकाग्रता में वह ऊर्जा होती है कि यह आवेश को शांत कर देती है । जर्मन महाकवि गेटे ने कहा है कि ' जहां भी त है , पूरी तरह वहीं रह । ' यह एक महामंत्र है । जिसका आशय है कि एक समय में सिर्फ एक काम को करो । जो काम हाथ में है उसमें अपने समस्त व्यक्तित्व को केंद्रित करो । परिणाम क्या होगा ? यह मत सोचो । काम खत्म होने पर परिणाम चाहे कुछ भी हो , पश्चाताप मत करो । वास्तव में पूर्ण एकाग्रता ही सफलता की कुंजी है । जो लोग चित्त को चारों ओर बिखेरकर काम करते है उन्हें इसकी क्षति बाद में पता चलती है । कार्नेगी कहते हैं कि नवयुवकों के व्यापार में असफल होने का एक बड़ा कारण यह है कि अपने मन को एकाग्र नहीं कर पाते । एकाग्रता और एकचित्तता से बड़े से बड़े काम पूरे किए जा सकते हैं । यदि हम चाहें तो अपने उद्देश्य को मन ही मन में बार - बार दोहराते हुए , लगातार उस मकसद की पूर्ति का संकल्प करते हुए अपने मार्ग पर आगे बढ़ते रह सकते हैं और धीरे - धीरे उस मकसद के लिए कार्य करना हमारा स्वभाव बन सकता है । यदि आप विषम से विषम परिस्थिति में भी मन को लगातार एकाग्र करके रचनात्मक स्थिति बनाए रख सकते हैं और अपने आदर्श की ओर बढ़ने में निरंतर संघर्ष करते रह सकते हैं तो समझ लीजिए कि आपके जीवन का लक्ष्य बहुत पास है । स्वेट मार्डेन ने कहा है कि जबरदस्त एकाग्रता के बिना कोई भी इंसान सूझबूझ वाला , आविष्कारक , दार्शनिक , लेखक , मौलिक कवि या शोधकर्ता नहीं हो सकता ।
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