Hridaya ki shakti ह्रदय की शक्ति
What is the importance of heart power
जब हमारे दिल और दिमाग में साम्य बैठता है तब सर्वोत्तम स्थिति बनती है । नया विज्ञान बताता है कि हमारे दिल में भी एक बुद्धिमता होती है । कई बार ऐसा होता है कि किसी समस्या का समाधान हमें बिल्कुल नहीं सूझता । फिर हम अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए बाहर टहलने ही निकल जाते हैं । इससे हमें समस्या का समाधान मिल जाता है । यह समाधान दिमागी नहीं , बल्कि हृदय की शक्ति से उपजा होता है । तनाव या किसी समस्या के समय जब दिमाग के दरवाजे अक्सर बंद नजर आते हैं , तब हमारा | हृदय दोगुनी ताकत से व्यक्ति को तनावमुक्त करने के लिए जुट जाता है । बस हमें हृदय के उस संकेत को समझने की आवश्यकता है । जो उस संकेत को पहचान और समझ जाते हैं वे अपने हृदय की शक्ति से पूरी दुनिया को जीत लेते हैं और जो उसे नहीं समझ पाते वे तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं । हमारे दिल की धड़कन उस समय प्रारंभ होती है , जब उससे जुड़ी विशेष कोशिकाएं गर्भ में बनती और बढ़ती हैं । कोशिकाएं पूरे हृदय के आकार लेने से पहले ही धड़कने लगती हैं और वे एक साथ धड़कती हैं । धड़कना हृदय की कोशिकाओं के स्वभाव में निहित होता है । अक्सर हम अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जो बहुत निष्क्रिय दिखाई पड़ते हैं । उन्हें अमूमन आलसी कहा जाता है । वास्तव में ऐसे लोगों का दिमाग सुप्तावस्था में चला जाता है , क्योंकि ये लोग अपने दिल के संपर्क से कट जाते हैं । जब व्यक्ति दिल के संपर्क से बाहर होता है तब वह असहज होता है , सही - गलत का निर्णय नहीं कर पाता है । ऐसा उस दशा में भी देखने को मिलता है जब लोग अपराध करते हैं । अधिकांश अपराधी मनोरोगी किस्म के इसीलिए होते हैं , क्योंकि उनके दिल के दरवाजे बंद होते हैं । ऐसे लोग अपने हृदय के कपाट बंद कर देते हैं । इसलिए उनकी भावनाएं उन्हें सही गलत की । पहचान नहीं करा पातीं । यदि व्यक्ति अपने हृदय को खुला रखे तो सब कुछ सही हो सकता है ।
जब हमारे दिल और दिमाग में साम्य बैठता है तब सर्वोत्तम स्थिति बनती है । नया विज्ञान बताता है कि हमारे दिल में भी एक बुद्धिमता होती है । कई बार ऐसा होता है कि किसी समस्या का समाधान हमें बिल्कुल नहीं सूझता । फिर हम अपने दिमाग को तरोताजा करने के लिए बाहर टहलने ही निकल जाते हैं । इससे हमें समस्या का समाधान मिल जाता है । यह समाधान दिमागी नहीं , बल्कि हृदय की शक्ति से उपजा होता है । तनाव या किसी समस्या के समय जब दिमाग के दरवाजे अक्सर बंद नजर आते हैं , तब हमारा | हृदय दोगुनी ताकत से व्यक्ति को तनावमुक्त करने के लिए जुट जाता है । बस हमें हृदय के उस संकेत को समझने की आवश्यकता है । जो उस संकेत को पहचान और समझ जाते हैं वे अपने हृदय की शक्ति से पूरी दुनिया को जीत लेते हैं और जो उसे नहीं समझ पाते वे तनाव से ग्रस्त हो जाते हैं । हमारे दिल की धड़कन उस समय प्रारंभ होती है , जब उससे जुड़ी विशेष कोशिकाएं गर्भ में बनती और बढ़ती हैं । कोशिकाएं पूरे हृदय के आकार लेने से पहले ही धड़कने लगती हैं और वे एक साथ धड़कती हैं । धड़कना हृदय की कोशिकाओं के स्वभाव में निहित होता है । अक्सर हम अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जो बहुत निष्क्रिय दिखाई पड़ते हैं । उन्हें अमूमन आलसी कहा जाता है । वास्तव में ऐसे लोगों का दिमाग सुप्तावस्था में चला जाता है , क्योंकि ये लोग अपने दिल के संपर्क से कट जाते हैं । जब व्यक्ति दिल के संपर्क से बाहर होता है तब वह असहज होता है , सही - गलत का निर्णय नहीं कर पाता है । ऐसा उस दशा में भी देखने को मिलता है जब लोग अपराध करते हैं । अधिकांश अपराधी मनोरोगी किस्म के इसीलिए होते हैं , क्योंकि उनके दिल के दरवाजे बंद होते हैं । ऐसे लोग अपने हृदय के कपाट बंद कर देते हैं । इसलिए उनकी भावनाएं उन्हें सही गलत की । पहचान नहीं करा पातीं । यदि व्यक्ति अपने हृदय को खुला रखे तो सब कुछ सही हो सकता है ।
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