How to control anger क्रोध को नियंत्रण कैसे करे
What is anger .
. क्रोध _____मानव जीवन में तमाम अवगुणों की चर्चा होती है जिनमें क्रोध एक बड़ा दुर्गुण है । अक्सर कहा भी जाता है कि क्रोध की स्थिति में कोई निर्णय लेने से बचें , क्योंकि वह निश्चित रूप से गलत ही होगा । हमारे ग्रंथ भी क्रोध के अतिरेक से बचने की सलाह देते हैं । वास्तव में क्रोध मनुष्य के मन को कलुषित कर देता है । किसी भी व्यक्ति के स्वभाव में यदि क्रोध हावी हो जाए तो वह अलोकप्रिय हो जाता है । हमारे विचारने की शक्ति क्रोध से समाप्त होने लगती है । इससे हमारा मन अशांत रहने लगता है । अशांत मन से व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता । । कई बार हम ऐसा अनुभव करते हैं कि विनम्र व्यक्ति कम योग्यता के बावजूद भी सफलता के शिखर चूमता है । वहीं क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति अधिक योग्यता होने के बावजूद सफल नहीं हो पाता । क्रोधी व्यक्ति मूर्खतापूर्ण व्यवहार करने लगता है । अंततः उसकी बुद्धि का नाश हो जाता है । जिस व्यक्ति की बुद्धि नष्ट हो गई हो , वह स्वयं एवं दूसरे का अहित करने से पीछे नहीं हटता । वह स्वतः अपने नाश के लिए मार्ग बनाने लगता है । गौतम बुद्ध ने कहा कि , ' क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रखने के समान है । इससे आप ही जलते हैं । ' स्पष्ट है कि क्रोध से व्यक्ति जितना सामने वाले का अहित नहीं करता । उससे कई गुना स्वयं का अहित कर लेता है । क्रोध का जन्म इंद्रियों के वश में न होने से ही होता है । हमें स्वयं पर नियंत्रण रखने की क्षमता का विकास करना चहिए । क्रोध जब हावी होने लगे तो हमें स्वयं को एकांत प्रदान करना चाहिए । एकांत हमारे क्रोध को अपने वश में रखने की सामर्थ्य रखता है । क्रोध के उत्प्रेरक तत्वों से सदैव दूरी बनाए रखना ही उचित है । योग , साधना और भक्ति क्रोध के मूल लक्षणों को नष्ट कर देते हैं । जब क्रोध आने लगे तो स्वयं को संयमित करने का प्रयास करना चाहिए ।. सफलता कैसे प्राप्त करे

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