Jivan ki pariksha जीवन की परीक्षा
Life Test।
. जीवन एक परीक्षा परीक्षा का नाम सुनते ही एक असहज करने वाला भय परेशान करने लगता है । हमें बाल्यकाल से ही ऐसा बना दिया जाता है कि बड़े होने पर हम परीक्षा को सिर्फ परिणाम की दृष्टि से देखने लगते हैं । परीक्षा होने से परिणाम का आना एक प्रक्रिया है , किंतु परिणाम के प्रति अत्यधिक भय जीवन में हमारे सीखने की प्रक्रिया के आनंद को खत्म कर देता है । जीवन में शिक्षा का उद्देश्य भय , चिंता , बेचैनी , तनाव और अवसाद इत्यादि स्थितियों से साक्षात्कार करवाना कदापि नहीं होता है । हम स्वयं सीखने की प्रक्रिया को परिणाम के अर्थों में लेकर ऐसी स्थितियां उत्पन्न करते हैं । नतीजे की चिंता को लेकर भय , तनाव , अवसाद आदि हमारे द्वारा ही निर्मित की जाने वाली स्थितियां होती हैं । आज योग्यता का पैमाना अच्छी शिक्षा होती है । शिक्षा ही रोजगार , पारिवारिक प्रतिष्ठा , धन और वैभव आदि सुनिश्चित करती है । इन समस्त परिणामों को लेकर हम इतने चिंतित रहते हैं कि सीखने के आनंद को भुला बैठते हैं । सफलता के लिए प्रयास तो सिखाया जाता है , किंतु असफलता को स्वीकार करते हुए पुनः प्रयास करने के विषय में बताया ही नहीं जाता जो कि बहुत आवश्यक है । सबसे जरूरी है कि हम सिर्फ अपना श्रेष्ठ करते जाएं । यह जीवन अनवरत चलने वाली एक यात्रा है जिसमें हर दिन हमें कुछ न कुछ सीखने को मिलता है । इस अध्ययन यात्रा को सीखने के आनंद के तौर पर ग्रहण करेंगे तो सफलता और असफलता , इन दोनो ही स्थितियों को हम स्वीकार कर पाएंगे । जरूरी नहीं कि पहले प्रयास में लक्ष्य हासिल हो ही जाए , किंतु पहली असफलता अयोग्य साबित भी कतई नहीं करती है । पहली बार की नाकामी यह साबित नहीं करती कि हम सफल नहीं हो सकते , वह तो बस हमें अपनी कमजोरियों से परिचित कराती है । बताती है कि हम क्यों सफल नहीं हुए । बस जरूरत उन कमियों को पहचान पुनः प्रयास की होती है ।। जीबन का दुख कैसे दूर करे

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