Sacche Sukh ka saar सच्चे सुख का सार

                      Essence of true happiness।                                                                                                                                     
Sacche sukhe ka saar
                                                                                      सच्चे सुख का सार     गृहस्थ जीवन जीने के क्रम में सहसा किसी दिन एक व्यक्ति को इस नश्वर संसार की क्षणभंगुरता से वितृष्णा - सी हो गई । उसे प्रतीत होने लगा कि दुनिया की सारी दौलत मिथ्या है । आत्मज्ञान की खोज में वह किसी मध्य रात्रि में घर त्याग कर पलायन करने की कोशिश ही कर रहा था कि तभी उस व्यक्ति के दिल में अपनी पत्नी और दो वर्ष के अबोध पुत्र के प्रति स्नेह एवं आसक्ति की बाती अपने पूरे लौ के साथ जल उठी । वैरागी का पाषाण दिल अपनों के स्नेह से मोम की तरह पिघल उठा । उसकी अंतरात्मा से एक आवाज आई , वत्स ! यह क्या पाप कर रहे हो तुम ? रुक जाओ । परिवार के भरण - पोषण से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है । उस व्यक्ति के उठे हुए कदम क्षण भर के लिए रुक गए । इसी बीच अचानक पास सो रहा बेटा किसी बुरे सपने से डर कर उठ बैठा । किसी आशंका से डर कर मां ने कुछ जादू - टोना किया और उसके सिर के नीचे अपने इष्टदेव की एक तस्वीर रख दी । उसे अपने कलेजे से चिपका लिया और बोली , मेरे लाल , तुम क्यों डर रहे हो ? देखो तुम्हारे पास मैं हूं , तुम्हारे पिता हैं , फिर किस बात का भय ? निश्चिंत होकर सो जाओ बेटे । अपनी मां का स्पर्श पाकर अबोध बालक थोड़ी देर में ही गहरी नींद में सो गया । थोड़ी देर में ही पुरुष अपने घर से बाहर आ गया । और फिर लौटकर पीछे नहीं देखा । इस बार भी उसकी अंतरात्मा से एक आवाज आई , मेरा भक्त भी कितना अज्ञानी है ! मेरी ही तलाश में निकला है और मुझे ही त्याग कर जा रहा है । जीवन के यथार्थ को साफ - साफ लहजे में उकेरती इस कहानी में भाव है , संवेदना है , ममत्व है , आंसू है , व्याकुलता है और सबसे अधिक जीवन में सच्चे सुख का अनमोल दर्शन छुपा है । अपनों की खुशी में खुश होने , उनकी आंखों में ढलकते आंसू को बेशकीमती मोतियों के रूप में सहेजने की सच्ची कोशिश में ही जीवन का सच्चा सुख निहित होता है । .                                                                                                                                                                                                           परम सूख कैसे प्राप्त करे

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