Yojna kese banaye सुविचारित योजना कैसे बनाये
How to make any plan.
सुविचारित योजना ---किसी कार्य को करने से पहले उसकी रूपरेखा बनाई जाती है । इससे कार्य में सफलता की संभावना बढ़ती है , लेकिन प्रायः लोग बिना किसी योजना के ही कार्य शुरू कर देते हैं और असफल होने पर निराश होते हैं । जबकि शास्त्रों में कहा गया है कि प्रयत्न करने से भी कोई कार्य नहीं पूर्ण हो पाता या सफलता नहीं मिलती तो कहीं न कहीं स्वयं का दोष है ।
योजनाबद्ध कार्य का उदाहरण मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम द्वारा कदम - कदम पर प्रस्तुत किया गया । लंका पर आक्रमण के पहले वहां की वस्तुस्थिति का अध्ययन करने के लिए उन्होंने हनुमान जी को लंका भेजा । लंका की भौगौलिक , सामाजिक एवं सामरिक क्षमताओं का आकलन कर हनुमान जी विस्तृत जानकारी श्रीराम को देते हैं ।
जब श्रीराम के समक्ष लंका पर चढ़ाई की बात आती है तब समुद्र पर मार्ग बनाने का प्रश्न उठता है । तब उनके अनुज लक्ष्मण जी तत्काल ही उस कार्य को अंजाम देना चाहते हैं और पुल बनाने का उद्यम करने लगते हैं , लेकिन श्रीराम ने उन्हें किसी तरह की जल्दबाजी से रोक दिया । स्वयं श्रीराम समुद्र तट पर तीन दिन बैठे रहे । इन तीन दिनों में श्रीराम का समुद्र किनारे बैठना पुल बनाने की कार्ययोजना को अंजाम देना ही था ।
जब व्यक्ति किसी कार्य को एकाग्र मन से करता है तो उससे कई रास्ते निकलते हैं । जितने वैज्ञानिक आविष्कार हुए उसके लिए वैज्ञानिकों ने गहरा चिंतन किया । शांत मन से किसी विषय पर सोचने से सरल उपाय निकल आते हैं
जबकि प्रायः व्यक्ति जल्दबाजी तथा शॉर्टकट रास्ता तलाशता है । होना तो यह चाहिए हर दिन सोकर उठने के बाद जिस भी क्षेत्र में जो लगा है वह अपने उस दिन के कार्य की सुविचारित योजना बनाए और उसके अनुसार कार्य | करे तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि सफलता न मिले । थोड़ी भी सफलता मिलने से उत्साह बढ़ता है और उत्साह से किया गया कार्य मंजिल तक पहुंचाता है । यही सफलता का सूत्र है ।
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