Posts

Showing posts from July, 2020

What is self confidence | आत्मबल क्या है । आत्मबल कैसे बढ़ाएं

                                    आत्मबल आत्मबल हमारी आंतरिक शक्ति हमारे आत्मबल की द्योतक है । यह बल जितना मजबूत होगा हमारी इच्छाशक्ति उतनी अधिक दृढ़ होगी । हमारी कार्यक्षमता बढ़ेगी । विपरीत परिस्थितियों में लिए गए निर्णय सार्थक सिद्ध होंगे । आत्मबल अवसाद को पैदा होने से रोकता है । इससे हम नकारात्मकता के जाल में फंसने से बचते है Aatmebal kese badhaye यदि किसी व्यक्ति का आत्मबल जागृत कर दिया जाए तो उसमें असंभव को संभव करने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है । हमारा इतिहास भी ऐसी अनेक घटनाओं से भरा है जिनमें आत्मबल की शक्ति से चमत्कारिक कार्यों को अंजाम दिया गया । Aatmebal meaning in hindi माता सीता की खोज में निकले पवनसुत हनुमान विशाल समुद्र को देखकर हताश हो जाते हैं । उन्हें उसे पार करने की कोई युक्ति नहीं सूझती । वह समुद्र की लहरों के सम्मुख स्वयं को विवश अनुभव करते हैं , लेकिन तभी जामवंत जी उनके आत्मबल को जागृत करते हैं । उन्हें उनकी क्षमताओं से अवगत कराते हैं । हनुमान जी का सुप्त आत्मबल जाग...

Vidya ka jivan me mahetva | विद्या का मनुष्य के जीवन मे महत्व

                        विद्या   विद्या ज्ञानदायी है , जबकि शिक्षा महज पुस्तक पोषक है । ज्ञान के अभाव में शिक्षा महज कागजी का ढेर है । श्रीराम को अहंकार का ज्ञान था और रावण को ज्ञान का अहंकार था । ज्ञान , संयम और नैतिक मूल्यों पर आधारित विद्या कल्याणकारी है । यही नहीं अहंकार जैसे अनीष्टकारी भाव का मर्दन कर जिज्ञासा उत्पन्न करना विद्या का काम है , न कि शिक्षा का ।  ज्ञान के अभाव में व्यक्ति पशु समान हो जाता है । लोकमंगल की कामना पूर्ति कर विद्या मनुष्य को कलुषित भाव से दूर कर उसके अंतस में आनंद का बीज रोपित करती है तथा दंभ , घृणा और ईर्ष्या का मर्दन कर विद्या सच्चिदानंद का द्वार खोलती है । इसलिए कहा भी गया है सा विद्या या विमुक्तये यानी विद्या विनय प्रदान करती है । विनय से पात्रता आती है , पात्रता से धन आता है , धन से धर्म होता है और धर्म से सुख प्राप्त होता है ।  विनम्रता पाषाण हृदय को भी मोम की तरह पिघला देती है । गुरु विद्या देता है , जबकि शिक्षक शिक्षा देता है । ज्ञान अंधकार को हरता है और शिक्षा जीवन क...